The 39 Steps (1935) movie review in Hindi

The 39 steps (1935) एक ब्रिटिश जासूस थ्रिलर फ़िल्म है।

इस फ़िल्म को महान ब्रिटिश फिल्मकार सर अल्फ्रेड हिचकॉक द्वारा निर्देशित किया गया हैं।

सर अल्फ्रेड हिचकॉक को फ़िल्म की दुनिया में सस्पेंस का मास्टर भी कहा जाता हैं।

वह अपनी फिल्मों के द्वारा इतना कमाल का सस्पेंस हमारे सामने प्रस्तुत करते है की

जितना बढ़िया सस्पेंस आज की फिल्मों में भी देखने को नसीब नहीं होता।

अल्फ्रेड हिचकॉक ने अपनी फिल्मी करियर में अनेकों शानदार फिल्में बनाई है जैसे की Psycho (1966), Vertigo (1958)

North by Northwest (1959), The Man who knew too much (1956) जैसी शानदार फिल्में।

उन्हीं में से एक उनके करियर की शुरुआती दिनों में बनी फ़िल्म The 39 Steps (1935) फ़िल्म का रिव्यू आज हम करेंगे।

यकीन मानिए मैंने यह फ़िल्म खुद थिएटर में देखी है

और मैं बहुत खुशकिस्मत हूं कि मुझे यह फ़िल्म थिएटर में देखने को नसीब हुई।

यह फ़िल्म मैने फ़िल्म फेस्टिवल में देखी हुई अब तक की सबसे लाजवाब सस्पेंस थ्रिलर हैं।

फ़िल्म की कहानी 1915 में आई समान नाम की उपन्यास पर आधारित हैं।

The 39 steps (1935) की कहानी लंदन में छुट्टियां बिताने आए कनाडाई नागरिक Richard Hannay की ज़िंदगी के इर्द गिर्द घूमती हैं।

फ़िल्म की कहानी

फ़िल्म कहानी की शुरुआत लंदन हॉल में चल रहे एक खास कार्यक्रम के साथ शुरू होती हैं।

Mr. Memory जिसे दुनिया की हर जानकारी पता है वो लोगो से सवाल पूछने के लिए आग्रह करता हैं।

लोग सवाल पूछते है और वो अपने इस अद्भुत हुनर का प्रदर्शन करता हैं।

इसी बीच कार्यक्रम के दौरान कोई थिएटर में गोली चला देता हैं जिससे थिएटर में हड़कंप मच जाता हैं।

Richard Hannay एक कनाडाई नागरिक है जो की लंदन में छुट्टियां बिताने आया होता है वो भी वहा मौजूद होता हैं।

तभी कोई पीछे से उसपर बंदूक तान देता है और उसे थिएटर हॉल से बाहर निकलने को कहता हैं।

वह Anabella Smith हैं। वह एक जासूस हैं।

वह उसे बताती है की थिएटर हॉल में उसने अपने आप को हत्यारों से बचाने के लिए गोली चलाई थी।

उसका ये दावा है की उसने एक जरूरी ब्रिटिश सैन्य जानकारी चुराने की साजिश का पर्दाफाश किया हैं।

जिसकी साजिश एक आदमी ने रची है जिसकी आखिरी उंगली का ऊपरी हिस्सा गायब हैं।

वह उसे एक गुप्त जानकारी देती है जिसे वह 39 steps कहती हैं।

बंदूकधारियों द्वारा पीछा की गई सुंदर, रहस्यमय महिला। एक दम जासूसी कहानी की तरह लगता हैं – Richard Hannay

उसी रात को, Smith Hannay के कमरे में अधमरे हालत में घुसती है और hannay को भागने के लिए चेतावनी देती हैं। उसको किसी ने चाकू मार दिया हैं।

Hannay को उसके कमरे में Scottish Highland का नक्शा मिलता है जिसमें Kittin नामक क्षेत्र में Alt-na-shellach जगह का ज़िक्र है।

Hannay, alt-na-shellach पहुंचने के लिए जैसे तैसे वहा से जान बचा के निकलता है।

वह Scotland जाने वाली ट्रेन में चढ़ जाता हैं लेकिन कातिल उसके पीछे लग जाते हैं।

Waverly Station, Edinburgh पहुंचने पर उसे पता चलता है की ब्रिटिश सरकार ने उसे Agent Smith का हत्यारा घोषित कर दिया है और उसकी खोज में पुलिस को सचेत कर दिया है।

वह देखता है की पुलिस हत्यारे की खोज में ट्रेन के डिब्बों की तलाशी लेने लग रही हैं।

वह भागकर दूसरे डिब्बे में चला जाता है जहा उसकी मुलाकात Pamela नाम की लड़की से होता है जो की ट्रेन में अकेली सफर कर रही होती हैं।

पुलिस को अपने पास आता देख वो pamela के कंपार्टमेंट में घुस जाता है और उसे जबरदस्ती चूमता हैं।

पुलिस pamela के कंपार्टमेंट को देखती है लेकिन दोनों को इस अवस्था में देख उनके कंपार्टमेंट की जांच नही करती।

Pamela, जिसे कुछ भी नहीं पता वो इस हरकत से गुस्सा होकर पुलिस को चौकना कर देती हैं।

Richard चुपके से ट्रेन के ऊपर चढ़ जाता है तभी ट्रेन रुक जाती है और रिचर्ड ट्रेन से उतरकर अपनी जान बचाकर भागता हैं।

वो जैसे तैसे alt-na-shellach पहुंचने में कामयाब हो जाता है, जो की Professor Jordan का घर होता हैं। वहां किसी तरह की पार्टी चल रही होती हैं।

मैं जानता हूं कि अकेलापन और असहाय महसूस करना और पूरी दुनिया को मेरे खिलाफ होते देखना कैसा होता है, ये ऐसी हालत है जो कभी किसी महिला या पुरुष को महसूस न करना पड़े – Richard Hannay

Professor Jordan, Hannay को पुलिस से छुपाकर उसकी मदद करता हैं। बदले में वो उसे अपनी आप बीती बताता हैं।

Hannay उसे बताता है की जासूसों का लीडर वो है जिसकी दाई हाथ की आखिरी उंगली का ऊपरी हिस्सा गायब हैं।

यह सुनकर Jordan अपनी दाई हाथ की आखरी उंगली दिखाता है।

Hannay यह देखकर एक दम स्तब्ध रह जाता है।

Jordan उसे आत्महत्या करने की सलाह देता है और फिर उसे गोली मार कर मरने के लिए छोड़ देता हैं।

लेकिन किस्मत से गोली उसके द्वारा पहने क्रॉफ्टर कोट की जेब में रखे पवित्र किताब पर ही लगती है जिसके कारण उसको कोई नुकसान नही होता।

Hannay, Sheriff के पास जाता है और उसे Jordan के बारे में बताता है।

लेकिन Sheriff उसपे भरोसा नहीं करता क्योंकि Jordan उसका खास दोस्त होता हैं।

डर के मारे वह वहा से बचकर भागने के लिए जोर से खिड़की से छलांग मारता हैं।

जहां से गिरते हुए वह सीधे राजनीतिक पार्टी की एक मीटिंग में पहुंचता हैं।

वो वहा एक विशेष नेता की सीट पर बैठ जाता है जिसके कारण लोग उसे गलती से अपना नेता समझ कर भाषण देने के लिए प्रेरित करने लगते हैं।

वहा वो भाषण देकर लोगों का दिल भी जीत लेता है। तभी उसकी मुलाकात फिर से Pamela से होती हैं।

Pamela उसे देखकर फिर पुलिस के हवाले कर देती है लेकिन इसबार उसे भी उसके साथ चलने को बोलती हैं।

इस द्वीप में 2 करोड़ महिलाएँ हैं और मुझे तुम्हारे साथ बंधन में बंधना पड़ रहा हैं” – Richard Hannay

जब वो लोग पुलिस थाने से गुजर रहे होते है, तो वह पुलिस वाले उन्हे Inverary ले जाने की बात कहते हैं।

इससे Hannay को यकीन हो जाता है की ये लोग Jordan द्वारा भेजे गए जासूस हैं।

वह उन दोनों को हथकड़ी से बांध देते है

लेकिन Hannay मौका पाकर धुंध भरी रात की वजह से दोनों को वहा से छुड़ाने में कामयाब रहता हैं।

वह भागकर एक किराए के होटल में रात गुजारते हैं।

जब Hannay सो रहा होता है तो Pamela चुपके से हथकड़ी खोलने में कामयाब हो जाती हैं।

वो वहा से चुपके से भागने ही वाली होती है की नीचे पुलिस के भेष में जासूस उनकी तलाश में वहा अटेंडेंट से पूछताछ कर रहे होते हैं।

वह उनकी बातों को चुपके से सुनती है।

वो लोग Hannay के बारे में बात करते है और उसके निर्दोष होने का ज़िक्र करते है।

यह सब सुनकर वो रूम में वापस आ जाती हैं और Hannay के साथ बुरा बर्ताओ करने का अफसोस करती हैं।

अगले दिन वह उसे बताती है की उसने उन जासूसों को कहते हुए सुना था की Jordan लंदन पैलेडियम से कुछ लेने आएगा।

वह दोनों लंदन पैलेडियम जाते हैं। वहां पहले से ही एक कार्यक्रम चालू होता है।

Richard और Pamela दोनों वहा मौजूद रहते हैं। Jordan भी बालकनी वाली सीट से कार्यक्रम देख रहा होता हैं।

तभी एक नए कार्यक्रम के शुरू होने की धुन बजती है।

Hannay की दिमाग में यह धुन जानी पहचानी सी महसूस होती हैं।

यह धुन मैने पहले भी कही सुन रखी है, यकीन मानो ये मेरे दिमाग में सुबह से बज रही हैं– Richard Hannay

अचानक उसे ध्यान आता है ये तो Mr. Memory का show हैं।

Mr. Memory अपने यादाश्त की बल पर अनेकों जानकारी याद करता है और लोगों से सवाल पूछने का आग्रह करता हैं।

Hannay को Mr. Memory का show देखकर सबकुछ समझ आ जाता हैं।

इधर पुलिस Hannay की तलाश में हॉल में घुस जाती है और जबरदस्ती उसे गिरफ्तार करके ले जाने लगती है।

Pamela उन्हें रोकती है,

Richard अपने आप को बेगुनाह साबित करने के लिए उनसे आखरी मोहलत मांगता है लेकिन पुलिस नहीं सुनती हैं।

लोग Mr. Memory से सवाल कर ही रहे होते है की तभी तभी Hannay जोर से चिल्लाता हैं।

Hannay : “39 steps क्या हैं?”… क्या हैं 39 steps??

Memory डरते हुए बोलता है की 39 steps जासूसों का एक गुप्त संगठन है जो देश की खुफिया….

तभी Mr..Memory को कोई गोली मार देता हैं। वह Professor Jordan हैं जिसने उसपे गोली चलाई।

हॉल में हड़कंप मच जाता है, पुलिस jordan को पकड़ने के लिए भागती हैं।

हॉल का पर्दा गिरता है, Mr Memory अपनी आखरी सांस गिनता है

और पुलिस को वो गुप्त सैन्य जानकारी बताना शुरू करता है और उसकी मृत्यु हो जाती हैं।

फ़िल्म के कलाकार

रॉबर्ट डोनेट – Richard Hannay

मेडलिन Caroll – पामेला

Godfrey Tearle – प्रोफेसर जॉर्डन

लूसी मैनहेम – Annabelle Smith

Wylic Watson – मिस्टर मेमोरी

फ़िल्म के संगीत

Louis levy और Jack Mathew ने फ़िल्म में संगीत दिया हैं।

फ़िल्म में BG संगीत नहीं है क्योंकि यह फ़िल्म उस दौर की है

जब BG संगीत बनाने में बहुत पैसे खर्च होते थे।

फ़िल्म का निर्माण

The 39 Steps (1935) के निर्माण में कुल 50,000 ब्रिटिश पाउंड का खर्च आया।

Micheal Balcon इस फ़िल्म के निर्माता हैं।

Bernard Knowles द्वारा इस फ़िल्म की सिनेमेटोग्राफी हुई हैं।

उन्होंने इस फ़िल्म को बहुत सुंदर तरीके से शूट किया हैं।

कुछ दृश्य तो सही में देखते वक्त सवाल करने को मजबूर कर देते है की आखिर इन दृश्यों को कैसे इन्होंने शूट करा होगा।

ब्रिटिश फ़िल्म कंपनी Gaumont British Picture Company ने इस फ़िल्म को सिनेमाघरों में रिलीज़ किया था।

फ़िल्म से जुड़ी कुछ खास बातें

The 39 Steps (1935) दुनिया की सबसे पहली शुरुआती फिल्मों में से एक है जिन्होंने क्राइम थ्रिलर genre को जन्म दिया।

फ़िल्म का आशय सबसे सरल रूप में यह बताना चाहती होती है की आम दुनिया में जीते हुए मनोरंजन का आनंद लेने के बीच जब आम आदमी किसी गुप्त अंजान चीजों में लिप्त हो जाता है तो उसके लिए वो दुनिया फिर वैसी नहीं रहती जैसी की पहले थी।

फ़िल्म में हत्या, झूठा आरोप, खुलापन व्यक्तित्व, सत्य और सद्भाव के पहलुओं पर विशेष रूप से अन्वेषण किया गया हैं।

The 39 Steps (1935) में 39 steps एक संगठन को बताया गया है जबकि उपन्यास में 39 steps वास्तविक 39 कदमों को कहा गया है।

उपन्यास में 39 कदम जर्मन जासूसी संगठन “The Black Stone” द्वारा लिए जाते हैं।

निष्कर्ष

The 39 Steps (1935) सिर्फ एक फ़िल्म नहीं बल्कि क्राइम थ्रिलर फिल्म बनाने की पूरी कुंजी है।

यह फ़िल्म मैने खुद सिनेमाघर में देखी है जोकि मेरे लिए किसी सपने के पूरे हो जाने से कम नही हैं।

The 39 Steps (1935) ब्रिटिश फ़िल्म इतिहास में बनी सबसे सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में से एक हैं।

हमें खुशी है की आपको हमारे द्वारा लिखी गई The 39 Steps (1935) फ़िल्म का रिव्यू पसंद आया।

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