Akira (1988) Anime movie review in Hindi

Akira (1988) एक जापानी पॉलिटिकल, साइबरपंक, साइंस फिक्शन एक्शन फ़िल्म हैं।

इस फ़िल्म को जापानी एनीमेशन फ़िल्म निर्देशक कातसुहिरो ओटोमो ने बनाया हैं।

टोक्यो मूवी शिंशा एंटरटेनमेंट कंपनी ने इस फ़िल्म का प्रोडक्शन किया हैं।

यह एक जापानी लेजेंडरी फ़िल्म हैं जिसकी आज भी दुनिया में बहुत बड़ी फैन फॉलोइंग हैं

1988 में बनी इस लोकप्रिय एनीमेशन फ़िल्म को हम आज भी नही भूले हैं।

इस फ़िल्म में दिखाए गए बेहतरीन एक्शन सीक्वेंस, लाइट्स, कलर्स और BG संगीत के बेहतरीन इस्तेमाल को भुला पाना लगभग नामुमकिन हैं।

यह फ़िल्म आज भी दुनिया के करोड़ों फैंस के दिलों में वैसे ही बसी हुई है जैसे रिलीज़ के समय पर थी।

इस फ़िल्म में मुख्य किरदार जो सुपर एडवांस Bike चलाता है, उसको चलाने का वास्तविक दुनिया में आज भी बहुत से लोगों का सपना हैं।

इस फ़िल्म की कहानी जापानी Manga Akira पर आधारित हैं।

क्या होता है Manga ?

Manga दरअसल, जापानी भाषा में Comic Book को कहते हैं।

कॉमिक बुक सुंदर चित्रों और संवादों से भरी कहानियों की किताब होती है।

यह किताब भी बाकी किताबों जैसी ही होती है।

लेकिन लेखक इनका चित्रण मनोरंजन के लिए करते हैं।

Comic Book और Manga दुनियाभर के बच्चों और युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं।

Akira Manga को साल 1982 में लिखा गया था। बाज़ार में आते ही ये काफी लोकप्रिय हो गई।

इसके बाद इसके और भी संस्करण लिखे गए तथा 1982 से लेकर 1990 तक प्रकाशित किए गए।

Akira manga के कुल 120 अध्याय (Chapters) हैं और 6 खंड (Volumes) हैं।

अमेरिका में इसे Marvel comics द्वारा बाज़ार में उपलब्ध कराया गया।

और देखते ही देखते ये Manga पूरे विश्व में प्रसिद्ध हो गई।

इसकी लोकप्रियता को ध्यान में रखते हुए इसके लेखक कातसुहीरो ओटमो ने इस पर फ़िल्म बनाने का निर्णय लिया।

फ़िल्म की कहानी

Akira (1988) की कहानी टोक्यो शहर, जापान में स्थित हैं।

साल 1988, एक बड़ा सा प्रकाश का गोला जो की शुरू होते हुए बहुत सुंदर लगता है लेकिन

देखते ही देखते इतना बड़ा हो जाता है की पूरे टोक्यो शहर को अपने प्रकोप में ले लेता है…

और सब तहस नहस कर देता हैं।

साल 2019, नियो टोक्यो

साल 1988 में सरकार द्वारा गुप्त मिलट्री प्रशिक्षण से हुई त्रासदी से उबरने के बाद नया टोक्यो शहर फिर से बसा हैं।

Neo Tokyo, जो की टेक्नोलॉजी और वेज्ञानिकी तौर से तो बहुत ज्यादा विकसित हो चुका है।

लेकिन, टोक्यो शहर के निवासी अभी भी उस अतीत की त्रासदी से उबरे नहीं हैं।

नए टोक्यो शहर की चका-चौंध से भरी दुनिया के बीच चोरी, डकैती, गुंडागर्दी, हत्या जैसी वारदात आम बात हैं।

कनेडा और टेटसुओ दोनों बचपन के दोस्त हैं और दोनों को बाइक चलाना बहुत पसंद हैं।

कनेडा के पास लाल रंग की बहुत एडवांस बाइक होती है जोकि टेटसुओ की बाइक से बहुत बढ़िया और शानदार होती हैं।

टेटसुओ, कानेडा की बाइक मन ही मन चलाना चाहता होता है लेकिन कानेडा अपनी बाइक किसी को भी चलाने के लिए नहीं देता।

कनेडा बाइक गैंग का लीडर होता हैं।

जब उसे पता चलता है की दुश्मन गैंग के बाइकर्स उनसे लड़ने आए है तो वो और टेटसुओ उनको सबक सिखाने के लिए अपनी बाइक पर निकल पड़ते हैं।

“मैनें यह बाइक खास अपने लिए डिज़ाइन करवाई हैं, तुम्हारे लिए इसे संभालना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हैं ” – कानेडा

इसी बीच टोक्यो शहर में एक विवादित कानून लागू होने के कारण लोग आक्रोश में आकर सड़कों पर दंगा शुरू कर देते हैं।

दंगे को उग्र होते देख सरकार द्वारा मिलट्री तैनात कर दी जाती है। लोगों पर आसू गैस के गोले दागे जाते हैं।

दंगे के बीच एक घायल इंसान एक अजीब से दिखने वाले बच्चे का हाथ थामे हुए भीड़ से भागता हैं।

उसको देख मिलट्री उसको रुकने की चेतावनी देने लगती हैं।

उसके पास बंदूक भी होती हैं….

इधर कानेडा अपनी सुपर एडवांस बाइक की मदद से दुश्मन बाइकर गैंग के लीडर को हरा देता हैं।

टेटसुओ भी दुश्मन बाइकर गैंग के एक सदस्य को घायल कर देता है।

लेकिन तभी रास्ते के बीच एक अजीब सा दिखने वाला बच्चा आ जाता है।

रफ्तार तेज़ होने के कारण और रास्ते पर बहुत अंधेरा होने की वजह से वो अपना संतुलन खो बैठता हैं।

तेज़ रफ्तार से आ रही गाड़ी को देख बच्चा डर जाता है और जोर से चिल्लाता हैं।

उससे टकराने के कुछ क्षण भर पहले ही टेटसुओ की बाइक में ज़ोर का धमाका होता हैं और वो घायल हो जाता हैं।

घायल टेटसुओ उस बच्चे की तरफ देखता हैं और बच्चा डरते हुए वहा से जाने लगता हैं।

कानेडा और बाकी दोस्त, अपने दोस्त टेटसुओ को बचाने के लिए भागकर घटनास्थल पर पहुंचते हैं।

वो टेटसुओ को बेहोश ज़ख्मी रूप में पाते हैं।

अंधेरे में छुपकर जाते हुए उस बच्चे को कनेडा देख लेता है और ज़ोर से चिल्लाता हैं।

तभी इतने में एक मिलट्री हेलीकॉप्टर उस जगह उतरता है और सब डर जाते हैं।

हेलीकॉप्टर का कॉकपिट खुलता है और बहुत से सैनिक उतरकर घटनास्थल को चारो तरफ़ से घेर लेते हैं।

मिलट्री कमांडर का आगमन होता हैं। उसको देखकर कनेडा और उसके साथी डर जाते हैं।

मेरा काम विश्वास करने से ज्यादा उस कार्य को करना या न करना जरूरी है!” -कर्नल शिकिशिमा

वह घायल टेटसुओ के शरीर को हेलीकॉप्टर में लोड करवाने का हुक्म देता है।

ये देख कानेडा टेटसुओ के शरीर को उठा रहे सैनिकों को रोकता हैं जिसके बदले में वो उनके द्वारा मार खाता हैं।

टेटसुओ जोकि ज़ख्मी और बेहोश होता है, उसे मिलिट्री के लोग क्यों उठा कर लेके जाते हैं….

वो अजीब सा बच्चा कौन होता है जो टेटसुओ की बाइक के सामने आ जाता हैं…

अब कनेडा अपने दोस्त टेटसुओ को मिलिट्री सैनिकों से कैसे बचाएगा ये सब जानने के लिए आपको फ़िल्म देखनी होगी।

फ़िल्म के कलाकार

एनीमेशन फिल्मों में कोई भी कलाकार अभिनय नहीं करते बल्कि उनके संवादों और आवाज़ों को रिकॉर्ड करके फ़िल्म में डाला जाता हैं।

  1. मितसुओ ट्वाटा – शोटोरो कानेडा
  2. नुकोमु सासकी – टेटसुओ शिमा
  3. मामी कोयमा – केई
  4. यूरिको फुचीज़की – काओरी
  5. तारो इशिदा – कर्नल शिकिशिमा
  6. टेटसुओ गेंडा – रियूसाकू
  7. मिज़हो सुज़ुकी – डॉक्टर ओनिशी

फ़िल्म का निर्माण

Akira (1988) के निर्माण के लिए 7-8 सदस्यों की एक कमिटी निर्धारित की गई।

उस कमिटी का नाम (Akira commitee) रखा गया।

इस कमिटी में सारे महत्वपूर्ण लोग मौजूद थे जो इस फ़िल्म को बनाने में अपना योगदान देना चाहते थे।

निर्देशक कातसुहिरो ओटोमो ने रचनात्मक नियंत्रण अपने हाथ में रखा ताकि फ़िल्म की कहानी में कोई फेरबदल ना हो सके।

वह चाहते थे की फ़िल्म उनके मुताबिक बनें।

Tokyo Movie Shinshi (TMS) Entertainment कंपनी ने इस फ़िल्म का निर्माण किया।

उस वक्त इस फ़िल्म को बनाने में 5.5 मिलियन अमरीकी डॉलर का खर्च आया और मार्केटिंग को मिलाकर कुल 9 मिलियन डॉलर।

यह 1988 में बनने वाली सबसे महंगी जापानी एनीमेशन फ़िल्म साबित हुई।

Toho Ltd. कंपनी ने इसे सिनेमाघरों में रिलीज़ किया।

फ़िल्म सफल रही और कमाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए।

दर्शकों और फ़िल्म समीक्षकों को यह फ़िल्म बहुत पसंद आई।

फ़िल्म रिलीज़ होने के कुछ ही दिनों बाद इसे अमेरिका और बाकी देशों में रिलीज़ किया गया।

देखते ही देखते फ़िल्म पूरे विश्व में लोकप्रिय हो गई।

उस समय फ़िल्म ने कुल 49 मिलियन अमरीकी डॉलर का बिज़नेस किया।

इस वक्त एक जापानी एनीमेशन फ़िल्म के लिए ऐसा मुकाम हासिल करना किसी सपने से कम नही था।

फ़िल्म के संगीत

शोजी यमाशिरो ने इस फ़िल्म के संगीत का निर्माण करा हैं।

उन्होंने इस फ़िल्म में अपने संगीत से अकीरा की दुनिया को हमेशा के लिए जिंदा कर दिया हैं।

फ़िल्म के BG संगीत बहुत कमाल के हैं जो दृश्यों के बीच दिल की धड़कन बढ़ा देते हैं।

कानेडा के बाइक एक्शन सीन में जो BG संगीत हैं वो अब तक के एनीमेशन फ़िल्म में इस्तेमाल हुआ सबसे बढ़िया संगीत हैं।

फ़िल्म से जुड़ी खास बातें

जैसा कि हम सब देखते सुनते आए है की एनीमेशन कार्टून सब बच्चो के देखने की चीज़े हैं।

लेकिन Akira (1988) पहली एसी जापानी एनीमेशन फ़िल्म थी जिसे परिपक्व दर्शकों को ध्यान में रख कर बनाया गया था।

फ़िल्म में ऐसे कई दिल दहला देने वाले दृश्य है जिसे बड़ी उम्र के दर्शकों को ध्यान में रख के डाला गया हैं।

यही कारण है की ये फिल्म +18 उम्र के दर्शकों को ज्यादा सही से समझ आएगी।

इस फ़िल्म को बनाने में 1,60,000 से भी ज्यादा हाथों से बनी हुई चित्रों का इस्तेमाल किया गया हैं।

फ़िल्म की कहानी साल 2019 में सेट है और टोक्यो शहर को 2019 के ओलिंपिक खेलों की मेज़बानी करते हुए दिखाया गया हैं ।

और, संयोग से टोक्यो में ही 2020 के ओलंपिक खेल का आयोजन हुआ।

इस संयोग को दुनिया के कई दर्शक भविष्यवाणी की तरह भी मानते हैं।

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